हेरिडिटरी स्फेरोसाइटोसिस (Hereditary Spherocytosis) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपाय
परिचय
हेरिडिटरी स्फेरोसाइटोसिस एक जन्मजात रक्त विकार है जिसमें रक्त की लाल कणिकाएं सामान्य डबल-गहरी आकार के बजाय गोलाकार (स्फेरिकल) हो जाती हैं। इस असामान्य आकृति के कारण ये कोशिकाएं अपनी लचक खो देती हैं और उन्हें तलने (हीमोलिसिस) में आसानी होती है, जिससे एनिमिया, पीलिया एवं स्प्लेनोमेगाली (तिल्ली का बढ़ जाना) जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
कारण
⚠ [b]आनुवांशिक म्यूटेशनरक्त कोशिकाओं की झिल्ली में मौजूद प्रोटीन जैसे स्पेक्ट्रिन, एंकिरिन, बैंड 3 एवं प्रोटीन 4.2 में आनुवांशिक दोष के कारण यह विकार विकसित होता है।
⚠ [b]आटोसोमल डॉमिनेंट या रेसेसिव पैटर्नअधिकांश मामलों में यह रोग आटोसोमल डॉमिनेंट रूप में विरासत में मिलता है, हालाँकि कुछ मामलों में रेसेसिव पैटर्न भी देखे जाते हैं।
⚠ [b]परिवारिक इतिहासपरिवार में इस विकार का इतिहास होने से पीढ़ी दर पीढ़ी इसकी संभावना बढ़ जाती है।
[b]लक्षण
⚠ [b]एनिमिया एवं थकानअसामान्य लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से एनिमिया हो जाता है, जिससे थकान, कमजोरी एवं सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
⚠ [b]पीलियारक्त में बिलेरूबिन का स्तर बढ़ने से त्वचा एवं आंखों का पीला पड़ जाना देखा जा सकता है।
⚠ [b]स्प्लेनोमेगालीस्प्लीन (तिल्ली) की बढ़ोतरी से पेट में दर्द एवं असुविधा हो सकती है।
⚠ [b]असामान्य रक्त जांच परिणामरक्त जांच में हेमोलिसिस के संकेत, कम हीमोग्लोबिन स्तर एवं असामान्य कोशिका आकृतियों का पता चलता है।
[b]आयुर्वेदिक उपचारहेरिडिटरी स्फेरोसाइटोसिस का मुख्य उपचार आधुनिक चिकित्सा द्वारा किया जाता है; आयुर्वेदिक उपाय केवल पूरक के रूप में अपनाए जा सकते हैं ताकि शरीर में रक्त शुद्धि, सूजन में कमी एवं समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सके
⚠ [b]अश्वगंधाअश्वगंधा शरीर की ऊर्जा बढ़ाने एवं प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित करने में सहायक होती है।
⚠ [b]ब्राह्मीब्राह्मी मानसिक स्पष्टता एवं न्यूरोलॉजिकल संतुलन में सुधार लाने में उपयोगी मानी जाती है।
⚠ [b]त्रिफलात्रिफला पाचन तंत्र को साफ रखने एवं शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद करता है।
⚠ [b]नीमनीम के प्राकृतिक संक्रमण रोधी गुण रक्त शुद्धि में योगदान देते हैं।
⚠ [b]योग एवं ध्याननियमित योग, ध्यान एवं प्राणायाम से मानसिक तनाव में कमी आती है तथा समग्र स्वास्थ्य में संतुलन बना रहता है।
[b]रोकथाम के उपाय⚠ [b]नियमित चिकित्सकीय जांचपरिवारिक इतिहास के आधार पर नियमित रक्त जांच एवं चिकित्सकीय निगरानी से रोग के प्रारंभिक लक्षणों का पता लगाया जा सकता है।
⚠ [b]स्वस्थ आहार एवं जीवनशैलीफल, सब्जियां एवं फाइबर युक्त संतुलित आहार से एनर्जी स्तर एवं प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहती है।
⚠ [b]तनाव प्रबंधनयोग, ध्यान एवं पर्याप्त विश्राम से मानसिक तनाव को कम कर समग्र स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है।
[b]निष्कर्षहेरिडिटरी स्फेरोसाइटोसिस एक जन्मजात रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं का असामान्य गोलाकार रूप उन्हें तलने में असमर्थ बना देता है, जिसके कारण एनिमिया, पीलिया एवं स्प्लेनोमेगाली जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। आधुनिक चिकित्सा द्वारा उचित प्रबंधन के साथ-साथ आयुर्वेदिक पूरक उपाय जैसे अश्वगंधा, ब्राह्मी, त्रिफला, नीम एवं नियमित योग एवं ध्यान से समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है। स्वस्थ आहार एवं नियमित चिकित्सकीय निगरानी से इस स्थिति के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है; यदि लक्षण प्रकट हों तो तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।

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