हाइपरइमेसिस ग्रेविडैरम (Hyperemesis Gravidarum) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपायपरिचय हाइपरइमेसिस ग्रेविडैरम गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक उल्टी एवं मतली का एक गंभीर विकार है, जो सामान्य सुबह की मतली से कहीं अधिक तीव्र होता है। इससे मातृ स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जिससे निर्जलीकरण, वजन में कमी एवं पोषण संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।कारण ⚠ [b]हार्मोनल असंतुलनगर्भावस्था के दौरान उच्च स्तर पर ह्यूमन कोरियोनिक गोंडोथ्रोपिन (HCG) हार्मोन एवं अन्य हार्मोनल बदलाव उल्टी एवं मतली को बढ़ावा देते हैं। ⚠ [b]पाचन तंत्र में संवेदनशीलताकई मामलों में पाचन तंत्र में बढ़ी संवेदनशीलता भी अत्यधिक उल्टी का कारण बनती है। ⚠ [b]मानसिक तनावगर्भावस्था के दौरान मानसिक तनाव एवं चिंता भी शारीरिक लक्षणों में वृद्धि कर सकते हैं।[b]लक्षण⚠ [b]तीव्र मतली एवं उल्टीदिनभर में बार-बार उल्टी होना जिससे शरीर में पानी एवं इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो जाती है। ⚠ [b]वजन में गिरावटअत्यधिक उल्टी के कारण पोषण की कमी एवं वजन में कमी हो सकती है। ⚠ [b]निर्जलीकरणपानी की कमी से शरीर में निर्जलीकरण, चक्कर एवं थकान जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ⚠ [b]कम ऊर्जा एवं कमजोरीशारीरिक ऊर्जा में कमी एवं थकान का अनुभव होना भी आम लक्षण हैं।[b]आयुर्वेदिक उपचारहाइपरइमेसिस ग्रेविडैरम एक गंभीर स्थिति है, अतः आधुनिक चिकित्सा उपचार का पालन आवश्यक है; आयुर्वेदिक उपाय केवल पूरक के रूप में अपनाएं और विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें ⚠ [b]अदरकअदरक मतली एवं उल्टी में राहत प्रदान करने में सहायक होता है। ⚠ [b]तुलसीतुलसी के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाचन तंत्र को सुदृढ़ बनाते हैं एवं तनाव में कमी लाते हैं। ⚠ [b]आंवलाआंवला विटामिन सी का प्राकृतिक स्रोत है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। ⚠ [b]योग एवं ध्याननियमित योग, ध्यान एवं प्राणायाम से मानसिक तनाव कम होता है एवं शरीर में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।[b]रोकथाम के उपाय⚠ [b]स्वस्थ आहार एवं पर्याप्त पानीहल्का, पौष्टिक आहार एवं पर्याप्त पानी का सेवन गर्भावस्था में अत्यंत आवश्यक है। ⚠ [b]नियमित चिकित्सकीय जांचयदि अत्यधिक उल्टी के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें। ⚠ [b]तनाव प्रबंधनविश्राम, हल्के व्यायाम एवं ध्यान के अभ्यास से मानसिक तनाव को नियंत्रित करें। ⚠ [b]विशेषज्ञ से परामर्शआयुर्वेदिक उपाय अपनाने से पहले एवं साथ में विशेषज्ञ से सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है।[b]निष्कर्षहाइपरइमेसिस ग्रेविडैरम गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक उल्टी एवं मतली का एक गंभीर विकार है, जिससे मातृ स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। आधुनिक चिकित्सा उपचार के साथ-साथ पूरक आयुर्वेदिक उपाय, जैसे अदरक, तुलसी, आंवला एवं नियमित योग एवं ध्यान, से स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। संतुलित आहार, पर्याप्त पानी एवं नियमित चिकित्सकीय जांच से इस विकार के जोखिम को कम किया जा सकता है; यदि लक्षण बने रहें तो तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।